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Showing posts from March, 2019

समझौता ब्लास्ट केस: असीमानंद समेत चारों अभियुक्त बरी, पाकिस्तान ने की निंदा

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में पंचकुला की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने असीमानंद समेत चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया है. असीमानंद के अलावा इस मामले में लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी अभियुक्त थे. पाकिस्तान ने समझौता ब्लास्ट के अभियुक्तों की रिहाई पर सख़्त विरोध जताया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि धमाके के 11 साल बाद भी सभी अभियुक्तों का बरी हो जाना इस बात को साबित करता है कि भारतीय अदालतों की विश्वसनीयता कितनी कम है. इस मामले में कुल 8 अभियुक्त थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. लेकिन अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने लगाए आरोप को साबित नहीं कर सका और इस कारण सभी अभियुक्तों को बरी किया जा रहा है. एनआईए के वकीलों का कहना है कि उन्हें अभी तक अदालती फ़ैसले की कॉपी नहीं मिली है और कॉपी देखने के बाद ही वो फ़ैसला करेंगे कि अदालत के इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे या नहीं. इससे पहले, समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया. राहिला वकील

अमरीका की मांसाहारी गायों के उत्पादों के आयात का विरोध कर रहा है भारत

अमरीका चाहता है कि भारत उससे डेयरी उत्पाद अधिक खरीदे लेकिन भारत आस्था और संस्कृति की वजह से ऐसा नहीं करना चाहता. भारत का कहना है कि उसके इस फ़ैसले के पीछे "सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाएं हैं" जिन पर "समझौता नहीं" किया जा सकता. अमरीका और यूरोप के कई देशों में गायों को खिलाए जाने वाले चारे में गायों-सूअरों और भेड़ों का माँस और खून को मिलाया जाता है, इसी वजह से 'ब्लड मील' भी कहा जाता है. ऐसी खुराक पर पली गायों के दूध से बनी चीज़ों का आयात करने को लेकर भारत का रुख़ साफ़ है, उसका कहना है कि वह ऐसी गायों के दूध से बने उत्पाद नहीं ख़रीद सकता जिन्हें ब्लड मील दिया गया हो. अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फ़ैसला करते हुए भारत को व्यापार में तरजीह वाले देशों की सूची से निकाल दिया है, जानकार मानते हैं कि इसकी वजह भारत का अमरीकी डेयरी उत्पाद ख़रीदने से मना करना है. ट्रंप ने एक बयान जारी कर कहा था, "भारत सरकार के साथ काफी चर्चा के बाद मैं यह क़दम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि भारत ने अब तक अमरीका को इस बात का आश्वासन नही