उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित जैनपुर गांव के शिव मंदिर में नमाज़ पढ़ते मुसलमानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
ये तस्वीरें बुलंदशहर में चल रहे तीन दिवसीय विशेष धार्मिक सम्मेलन 'इज्तेमा' में शामिल होने आए मुसलमानों के एक समूह की हैं.
इस इज्तेमा में देश-विदेश से क़रीब दस लाख मुसलमान जुटे हैं. वे यहां से समूहों में बंटकर धार्मिक संदेश फैलाने का काम करेंगे.
वायरल हो रही तस्वीरें रविवार की हैं और सोशल मीडिया पर लोग इन्हें सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं.
ये इज्तेमा बुलंदशहर के दरियापुर गांव में हो रहा है. यहां पहुंच रहे लोगों के लिए आस-पास के ग्रामीणों ने भी खाने-पानी की व्यवस्थाएं की हैं.
मुसलमानों के जिस समूह की तस्वीरें वायरल हुई हैं, वो जैनपुर गांव के पास जाम में फंस गया था. इस गांव के हिंदू लोगों ने उनके लिए पानी पीने की व्यवस्था की थी.
मंदिर के व्यवस्थापक और पुजारी कन्हैयालाल शर्मा ने बीबीसी को बताया, "कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में लोग आ रहे थे. सड़क पर जाम लगा था. हमने भी आने वाले लोगों के लिए पानी की व्यवस्था की है. दोपहर में जब नमाज़ का समय हुआ तो उन्होंने नमाज़ पढ़ने की इच्छा ज़ाहिर की."
कन्हैया बताते हैं, "हमने उनसे कहा कि मंदिर साफ़-सुथरी जगह है, आप यहीं पर नमाज़ पढ़ लीजिए. हमारे कहने पर उन्होंने मंदिर में ही नमाज़ पढ़ी. हमें बहुत अच्छा लगा."
जिस समय ये समूह नमाज़ पढ़ रहा था कन्हैया वहीं मौजूद थे. वो कहते हैं, "हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. ये मंदिर मुख्य सड़क मार्ग पर है. यहां सभी धर्मों के साधु-संत आते रहते हैं. हम सबकी सेवा करने में विश्वास करते हैं. मुसलमानों ने नमाज़ पढ़ी, हमें अच्छा लगा. भगवान तो सभी के हैं."
कन्हैया को ख़ुशी है कि उनके मंदिर में ली गई तस्वीर ने देशभर में भाईचारे का संदेश दिया है. वो कहते हैं, "सभी लोग भाईचारे से और मिलजुल कर रहें. यही सबसे अच्छा है. जियो और जीने दो. इससे अच्छी कोई बात नहीं है."
ये तस्वीरें बुलंदशहर में चल रहे तीन दिवसीय विशेष धार्मिक सम्मेलन 'इज्तेमा' में शामिल होने आए मुसलमानों के एक समूह की हैं.
इस इज्तेमा में देश-विदेश से क़रीब दस लाख मुसलमान जुटे हैं. वे यहां से समूहों में बंटकर धार्मिक संदेश फैलाने का काम करेंगे.
वायरल हो रही तस्वीरें रविवार की हैं और सोशल मीडिया पर लोग इन्हें सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं.
ये इज्तेमा बुलंदशहर के दरियापुर गांव में हो रहा है. यहां पहुंच रहे लोगों के लिए आस-पास के ग्रामीणों ने भी खाने-पानी की व्यवस्थाएं की हैं.
मुसलमानों के जिस समूह की तस्वीरें वायरल हुई हैं, वो जैनपुर गांव के पास जाम में फंस गया था. इस गांव के हिंदू लोगों ने उनके लिए पानी पीने की व्यवस्था की थी.
मंदिर के व्यवस्थापक और पुजारी कन्हैयालाल शर्मा ने बीबीसी को बताया, "कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में लोग आ रहे थे. सड़क पर जाम लगा था. हमने भी आने वाले लोगों के लिए पानी की व्यवस्था की है. दोपहर में जब नमाज़ का समय हुआ तो उन्होंने नमाज़ पढ़ने की इच्छा ज़ाहिर की."
कन्हैया बताते हैं, "हमने उनसे कहा कि मंदिर साफ़-सुथरी जगह है, आप यहीं पर नमाज़ पढ़ लीजिए. हमारे कहने पर उन्होंने मंदिर में ही नमाज़ पढ़ी. हमें बहुत अच्छा लगा."
जिस समय ये समूह नमाज़ पढ़ रहा था कन्हैया वहीं मौजूद थे. वो कहते हैं, "हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. ये मंदिर मुख्य सड़क मार्ग पर है. यहां सभी धर्मों के साधु-संत आते रहते हैं. हम सबकी सेवा करने में विश्वास करते हैं. मुसलमानों ने नमाज़ पढ़ी, हमें अच्छा लगा. भगवान तो सभी के हैं."
कन्हैया को ख़ुशी है कि उनके मंदिर में ली गई तस्वीर ने देशभर में भाईचारे का संदेश दिया है. वो कहते हैं, "सभी लोग भाईचारे से और मिलजुल कर रहें. यही सबसे अच्छा है. जियो और जीने दो. इससे अच्छी कोई बात नहीं है."
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